Tum Anadi Ananta Ho || तुम अनादि अंनत हो || THAKUR BHAJAN KIRTAN JAAJAN

 
Tum Anadi Ananta Ho || तुम अनादि अंनत हो || THAKUR BHAJAN KIRTAN JAAJAN

Lyrics: तुम अनादि अंनत हो सचिदानन्द स्वरूप हो तुम हो स्रष्टा सारे जग का सचराचर परिव्याप्त हो तुम अनादि अंनत हो...... तुम हो ब्यक्त.... अब्यक्त तुम हो तुम हो निर्लिप्त.. निर्विकल्प हो तुम हो शब्द आदिबाक का तुम नैसर्गिक भाव हो... तुम हो दाता.. विधाता तुम हो तुम हो मंत्र... यज्ञ तुम हो तुम हो चिंतन चेतना का तुम चैत्यन्य रूप हो.... पथ तुम हो... गंतव्य तुम हो तुम हो धर्म... मोक्ष तूम हो तुम अधिश्वर सारे जग का तुम तो सृजन के उत्स हो तुम हो प्रेमी... प्रेम तुम हो... तुम हो कर्ता ... कर्म तुम हो... तुम हो आधार प्रेम का तुम प्रेमघन रूप हो...